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बहुत दिन से रखे थे आंसू गैस के गोले, प्रदर्शनकारियों पर की टेस्टिंग: PAK मंत्री

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विवादित और अटपटे बयानों से चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान सरकार के मंत्री शेख रशीद ने वेतन वृद्धि को लेकर वहां हो रहे विरोध-प्रदर्शन को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर हुए आंसू गैस के इस्तेमाल को लेकर कहा, ‘आंसू गैस के गोलों का परीक्षण करना आवश्यक था क्योंकि यह लंबे समय से इनका इस्तेमाल नहीं किया गया था.

‘दरअसल पाकिस्तान पुलिस द्वारा वेतन वृद्धि के लिए सरकारी कर्मचारियों के विरोध-प्रदर्शन करने पर आंसू गैस के गोले दागे गए थे. आंतरिक मामलों के मंत्री शेख राशिद अहमद ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि “आंसू गैस का परीक्षण करना आवश्यक था क्योंकि लंबे समय से इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था”.

रावलपिंडी में एक समारोह को संबोधित करते हुए, शेख रशीद ने कहा कि इस्लामाबाद पुलिस ने “थोड़ी आंसू गैस चलाई”, और यह परीक्षण करना आवश्यक था क्योंकि आंसू गैस के कनस्तरों का लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हुआ था.

उन्होंने दावा किया कि “केवल एक छोटा सा परीक्षण किया गया गया था और इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ.
डॉन न्यूज के मुताबिक सरकारी समिति का हिस्सा रहे राशिद ने कहा कि “वास्तविक समस्या” आंसू गैस की गोलाबारी नहीं थी, बल्कि यह वेतन था जो महंगाई के इस दौर में अरबों रुपये की राशि है जो राजकोष पर बोझ है.” पाकिस्तान पुलिस ने 10 फरवरी को वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे सरकारी कर्मचारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया था.

बाद में, सोशल मीडिया पर लोग मंत्री शेख रशीद के दिए इस बयान पर भड़क उठे, उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए अहमद से माफी की मांग की है.पीएमएल-एन के नेता मोहम्मद जुबैर ने कहा, “किसी भी अन्य देश में, इस तरह के एक बयान का मतलब होगा कि मंत्री की तत्काल गोलीबारी को सही ठहराते हैं और फिर सरकार की तरफ से माफी मांग ली जाती है.” पाकिस्तान के फिल्मकार हारून रियाज ने ट्वीट किया, “आंतरिक मंत्री शेख रशीद के मुताबिक, लोगों को मौत के घाट उतारना एक मजाक है.”

समा टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस प्रदर्शन में कम से कम 2,000 लोग इकट्ठा हुए थे और संसद भवन की ओर मार्च करने की योजना बनाई थी. उसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस छोड़ी. इससे पहले, रशीद सहित कई मंत्रियों ने कहा है कि सरकार प्रदर्शनकारियों की मांगों को पूरा करेगी. विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने सरकार से सरकारी कर्मचारियों के प्रति इस तरह के व्यवहार की आलोचना की.

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