अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद तालिबान एक के बाद एक फरमान जारी कर रहा है. वहां के नागरिको के लिए मुसीबते बढ़ती ही जा रही है. लेकिन अभी तक तालिबानियों का पाबंदियों से मन नहीं भरा. सबसे ज्यादा जिस बात की चिंता थी अब वो फरमान भी सामने आ गया. मुश्किल हालात से लड़कर इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना नाम बनाने वाली अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम को आखिरकार अब खेलने पर पाबंदी है. बता दें कि महिला टीम ने पिछले कुछ सालों में काफी मेहनत के बाद ही अपनी एक पहचान बनाई है.
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्लाह वासिक के हवाले से नेटवर्क ने कहा ,” क्रिकेट में ऐसे हालात होते हैं कि मुंह और शरीर ढका नहीं जा सकता. इस्लाम महिलाओं को ऐसे दिखने की इजाजत नहीं देता ।”उसने कहा ,” यह मीडिया का युग है जिसमें फोटो और वीडियो देखे जायेंगे .इस्लाम और इस्लामी अमीरात महिलाओं को क्रिकेट या ऐसे खेल खेलने की अनुमति नहीं देता जिसमें शरीर दिखता हो.” उसने आगे यह कहा कि हम अपने इस्लामिक कानूनों को नहीं छोड़ सकते, इसके लिए चाहे विपरीत प्रतिक्रिया मिलें. इस्लाम में सिर्फ महिलाओं को बहुत जरूरी हालत में ही बाहर निकलने की इजाजत है. और खेल कोई जरूरी कार्य नहीं है.
ज्ञात हो कि नवंबर 2020 में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 35 महिला क्रिकेटरों को सम्मानित किया था. बोर्ड ने 40 महिला क्रिकेटरों का 21 दिन का एक ट्रेनिंग कैंप भी चलाया था.