प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले की सुप्रीम कोर्ट में अब पांच सितंबर को सुनवाई होगी। भर्ती के फैसले पर लाखों बेरोजगारों की नजर है। शिक्षा विभाग में 2600 से अधिक पदों पर होने वाली भर्ती पिछले तीन साल से लटकी है। शासन ने 15 नवंबर 2021 को एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
इससे नाराज एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट से एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आने के बाद पहले बीएड अभ्यर्थी और फिर सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी।
सरकार की ओर से इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में शिक्षक न होने की वजह से छात्र-छात्राओं के भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।