सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को 69 हजार सहायक शिक्षकों की नई लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के तहत, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में संशोधन करने और नई लिस्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद, इस मामले में हाईकोर्ट का निर्णय फिलहाल स्थगित कर दिया गया है, और अब इस मुद्दे पर आगामी सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है और मामले की अंतिम सुनवाई की तारीख भी निर्धारित की है।
हाईकोर्ट ने 2019 में हुई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची को नए सिरे से तैयार करने का आदेश दिया था, और 2020 और 2022 की चयन सूचियों को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने नई सूची बनाने के लिए 1981 के नियमों और आरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार निर्देश दिए थे।
इसके साथ ही, कार्यरत शिक्षकों की सेवाओं को प्रभावित किए बिना इस प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश भी दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले ने राज्य सरकार के लिए राहत प्रदान की है और वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति को समाप्त किया है।