प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अंतरिम जमानत की याचिका पर विरोध दर्ज किया है। इस मामले में, प्रवर्तन निदेशालय ने एक हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि कानून सभी के लिए बराबर होता है और इसे लागू करना आवश्यक है। इसके अलावा ईडी ने चुनाव प्रचार को मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं माना।
जांच एजेंसी के हलफनामे में यह बयान है कि किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी गई है, इससे उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए केजरीवाल को जमानत देना एक गलत मिसाल कायम करेगा। यह स्पष्ट रूप से उनकी निष्ठा और निष्कर्षा को प्रकट करता है
और जब तक न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं होती, वे चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं हो सकते, जो उनके नेतृत्व और उनकी पार्टी के लिए एक चुनौती बन सकता है।