7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 3,000 अंकों से अधिक गिरकर खुला, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 21,800 के नीचे पहुंच गया। इस भारी गिरावट के कारण निवेशकों की कुल संपत्ति में लगभग ₹19 लाख करोड़ की गिरावट आई।
इस गिरावट के पीछे वैश्विक कारण मुख्य रूप से जिम्मेदार माने जा रहे हैं। अमेरिका और अन्य देशों के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध की चिंताओं के साथ-साथ अमेरिकी मंदी की आशंकाओं ने वैश्विक निवेशकों में घबराहट पैदा कर दी है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा भारी मात्रा में बिकवाली से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ।
इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बयान, जिसमें ब्याज दरों में बदलाव और मुद्रास्फीति की संभावना जताई गई थी, ने भी बाजार को नकारात्मक दिशा में धकेला। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक हालात नहीं सुधरे तो आने वाले दिनों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
निवेशकों को इस समय सतर्क रहने, दीर्घकालिक नजरिए से निवेश करने और बाजार की चाल को ध्यानपूर्वक समझने की सलाह दी गई है।