बिहार में साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज पहली बार ऐसा मौका आया है जब राज्य में कोई बड़े चुनाव आयोजित हो रहे हैं. इसके लिए पिछले कई दिनों से भाजपा गठबंधन जेडीयू के साथ आरजेडी, कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हुए थे. हम बात कर रहे हैं विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव के लिए. वैसे भी बिहार एक ऐसा राज्य है जहां छोटे से छोटे चुनाव भी व्यापक पैमाने पर लड़े जाते हैं. साथ ही नेताओं की प्रतिष्ठा भी चुनाव से जुड़ी रहती है. आज बिहार में 24 एमएलसी सीटों पर वोटिंग प्रक्रिया जारी है. जिसमें 187 प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
एनडीए एकजुट होकर चुनाव में उतरा है तो महागठबंधन में कांग्रेस और आरजेडी अलग-अलग किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं, चिराग पासवान और मुकेश सहनी की भी साख दांव पर है. 24 विधान परिषद सीटों के लिए एनडीए और आरजेडी के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. एनडीए एकजुट होकर मैदान में है, जिसके तहत बीजेपी 12 और जेडीयू ने 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं. एक सीट पर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी चुनाव लड़ रही है. वहीं, महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, आरजेडी 23 सीटों पर तो सीपीआई एक सीट पर चुनाव लड़ रही है.
कांग्रेस 15 सीटों पर किस्मत आजमा रही है. इसके अलावा कुछ सीटों पर चिराग पासवान की लोजपा रामविलास और मुकेश सहनी के वीआईपी के उम्मीदवार भी हैं. ऐसे में कांग्रेस, वीआइपी के संस्थापक मुकेश सहनी और चिराग पासवान की साख कसौटी पर है. इसके साथ बिहार में बुचहा सीट पर भी विधानसभा का चुनाव हो रहा है. यहां मुकेश सहनी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. पिछले दिनों मुकेश की पार्टी के तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. इसके बाद सहनी नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल से भी बाहर हो गए.