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नहीं बदली मानसिकता: स्पेनिश अखबार ने भारतीय इकोनॉमी की तरक्की का कार्टून बनाकर किया व्यंग, भाजपा ने किया विरोध

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आज भी विश्व के कई देशों की भारत के प्रति मानसिकता नहीं बदल पाई है. भारत को सपेरों वाला देश ही मानते हैं.‌ ऐसे ही स्पेनिश अखबार ‘ला वैनगार्डिया’ ने इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर एक कार्टून छापा है। इस कार्टून में बढ़ रही ग्रोथ को लेकर व्यंग किया गया है.

इसमें भारत की बढ़ रही अर्थव्यवस्था को सपेरे के जरिए दिखाया गया है, जिसके बाद भाजपा ने इस अखबार की सोच पर कड़ा विरोध जताया है. ‌साथ ही सोशल मीडिया में लोगों का स्पेन के न्यूज पेपर के खिलाफ गुस्सा भड़क गया है. स्पेन के एक अखबार में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर छपे कार्टून में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर व्यंग किया गया है.

कार्टून में भारत की आर्थिक विकास को बीन बजाते हुए सपेरे के जरिए दिखाया गया है. इसमें सपेरे के टोकरी में से एक सांप ग्राफ पर उपर चढ़ते हुए नजर आ रहा है, जिसका इस्तेमाल भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास को दिखाने के लिए किया गया है.

बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने कार्टून को ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का वक्त’ एक स्पेनिश साप्ताहिक की टॉप स्टोरी है. जब भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को वैश्विक पहचान मिल रही है, तब आजादी के दशकों बाद भी हमारी छवि को सपेरों के रूप में चित्रित करना मूर्खता है.

उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी मानसिकता को बदलना एक मुश्किल काम है. वहीं जेरोधा के सीईओ नितिन कामथ ने भी गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ये बहुत अच्छी बात है कि इंडियन इकोनॉमी को दुनिया भर में नोटिस किया जा रहा है.

यह बहुत अच्छी बात है कि पूरी दुनिया हमारी अर्थव्यवस्था को नोटिस कर रही है. मगर इस ग्राफ में जिस तरह भारत का रिप्रेजेंटेटिव एक सपेरे को दिखाया है, यह देश का अपमान है. यह आर्टिकल 9 अक्टूबर को स्पेनिश अखबार में छापा गया था, जिस पर भाजपा सांसद समेत काफी संख्या में लोगों ने अपना विरोध जताया है.

बता दें कि भारत हाल में ही ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है. मौजूदा विकास दर पर भारत 2027 में जर्मनी और 2029 में जापान से आगे निकलकर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार इस साल पहली तिमाही में विकास दर 13.5% रही है. इस दर से भारत के इस वित्त वर्ष में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था रहने की संभावना है.

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