प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज देने के लिए योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत कर पीएम मोदी ने डीडीसी चुनावों के परिणाम का जिक्र किया और कहा कि जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है। विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि ये चुनाव उन लोगों के लिए आइना है, दिल्ली में कुछ लोग मुझे हर दिन लोकतंत्र सीखाना चाहते हैं।
1. पीएम मोदी ने आगे कहा कि दिल्ली में कुछ लोग हैं, जो मुझे कोसते हैं, मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, वो देखें कि जम्मू-कश्मीर में सफलतापूर्वक चुनाव हो चुके हैं। जो लोग मुझे लोकतंत्र पर भाषण देते हैं, मोदी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने में लगे हैं। कुछ राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है, लोकतंत्र के प्रति वो कितना गंभीर है इस बात से ही पता चलता है। कितने साल हो गए, पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दिए जा रहे हैं।https://cdn.jwplayer.com/players/nGd0gsvk-SBGWwnIq.html
2. पीएम मोदी ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भी बधाई देता हूं। डीडीसी के चुनाव ने एक नया अध्याय लिखा है। मैं चुनावों के हर फेज में देख रहा था कि कैसे इतनी सर्दी के बावजूद, कोरोना के बावजूद, नौजवान, बुजुर्ग, महिलाएं बूथ पर पहुंच रहे थे। जम्मू-कश्मीर के हर वोटर के चेहरे पर मुझे विकास के लिए, डेवलपमेंट के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। जम्मू कश्मीर के हर वोटर की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास देखा।
3. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है। लेकिन एक पक्ष और भी है, जिसकी तरफ मैं देश का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं। पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्यूनिसिपल इलेक्शन नहीं हो रहे। आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था। लेकिन वहां जो सरकार है, इस मामले को लगातार टाल रही है। साथियों, पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में लोकल बॉडी इलेक्शन हुए थे। इन चुनावों में जो चुने गए उनका कार्यकाल साल 2011 में ही खत्म हो चुका है।
4. पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान भी यहां जम्मू-कश्मीर में करीब 18 लाख सिलेंडर रिफिल कराए गए। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जम्मू कश्मीर में 10 लाख से ज्यादा टॉयलेट बनाए गए। लेकिन इसका मकसद सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं, ये लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की भी कोशिश है।
5. उन्होंने कहा कि आज जम्मू कश्मीर आयुष्मान भारत- सेहत स्कीम शुरु की गई है। इस स्कीम 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा तो जीवन में कितनी बड़ी सहूलियत आएगी अभी आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य के करीब 6 लाख परिवारों को मिल रहा था। सेहत योजना के बाद यही लाभ सभी 21 लाख परिवारों को मिलेगा।
6. पीएम मोदी ने कहा कि इस स्कीम का एक और लाभ होगा जिसका जिक्र बार-बार किया जाना जरूरी है। आपका इलाज सिर्फ जम्मू कश्मीर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों तक सीमित नहीं रहेंगा। बल्कि देश में इस योजना के तहत जो हज़ारों अस्पताल जुड़े हैं, वहां भी ये सुविधा आपको मिल पाएगी।
7. गरीब से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अब पंचायतों का दायित्व काफी बड़ा है। इसका लाभ जम्मू कश्मीर में भी दिख रहा है। जम्मू कश्मीर के गांव-गांव में बिजली पहुंची, यहां के गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं। आज जम्मू-कश्मीर के लोगों का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। चाहे वो महिला सशक्तिकरण हो, युवाओं के लिए अवसर की बात हो, दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों के कल्याण का लक्ष्य हो या फिर लोगों के संवैधानिक व बुनियादी अधिकार हों।
8. कोरोना के दौरान भी यहां जम्मू-कश्मीर में करीब 18 लाख सिलेंडर रिफिल कराए गए। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर में 10 लाख से ज्यादा शौचालय बनाए गए। लेकिन इसका मकसद सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं, ये लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की भी कोशिश है।
9. आज हम लोगों को ये विश्वास दिलाने में सफल हुए हैं कि परिवर्तन संभव है। और परिवर्तन उनके चुने हुए प्रतिनिधि ला सकते हैं। जमीनी स्तर पर लोकतंत्र लाकर हम लोगों की आकांक्षाओं को अवसर दे रहे हैं। बीते दो सालों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीबों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाया है। इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी मुश्किल समय में बहुत राहत मिली है। यहां के करीब 1 लाख गरीब मरीजों का अस्पताल में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया गया है।
10. सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) में स्वास्थ्य संवर्धन से लेकर रोकथाम, उपचार, पुनर्वास और आवश्यक, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा स्पेक्ट्रम और चिकित्सकीय देखभाल शामिल है। इसके माध्यम से सेवाओं तक सभी की पहुंच होती है, लोगों को अपनी जेब से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती है और इलाज के चलते लोगों के गरीबी के दलदल में फंसने का जोखिम कम करता है। आयुष्मान भारत कार्यक्रम के दो स्तंभों- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की परिकल्पना की गई है।