प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता समेत सात लोगों की हत्या करने वाली शबनम ने जान बख्श देने की गुहार लगाते हुए दुबारा दया याचिका दायर की है। सात लोगों की हत्या में फांसी का इंतजार कर रही अमरोहा के बावनखेड़ी की खलनायिका शबनम की दया याचिका को जेल प्रशासन ने शुक्रवार को लखनऊ पहुंचा दी है। शबनम की दया याचिका न्याय विभाग को भेजी गई है। वहां से राज्यपाल को जाएगी और राजभवन से राष्ट्रपति को भेजा जाना है।
माता-पिता और मासूम भतीजे समते सात लोगों के भरे-पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने वाली घटना अमरोहा जनपद के वाबनखेड़ी गांव की है। गांव में 14 अप्रैल 2008 को बेटी शबनम ने ही प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार को खत्म कर दिया था। इस जघन्य अपराध के लिए प्राइमरी शिक्षक शौकत अली की शिक्षा मित्र बेटी शबनम और उसके प्रेमी सलीम को को फांसी की सजा हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट से पुर्नविचार याचिका के साथ ही राष्ट्रपति ने शबनम की दया याचिका को भी खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने अभी शबनम के डेथ वारंट जारी नहीं किए हैं। इसके बावजूद रामपुर जिला कारागार में बंद शबनम को मथुरा जेल में बने महिला फांसीघर में फांसी पर लटकाने की तैयारी की जा रही है।
इस बीच सात लोगों की हत्यारिन शबनम को बचाने के फिर से प्रयास शुरू किए गए हैं। शबनम के मुकदमे की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के दो अधिवक्ताओं ने गुरुवार को रामपुर जेल पहुंचकर दोबारा दया याचिका दायर करने के लिए आवश्यक प्रपत्र तैयार करके जेल प्रशासन को सौंप दिए गए थे।
जेल प्रशासन ने शबनम की दया याचिका को लखनऊ में प्रमुख सचिव न्याय और अमरोहा जिला जज की अदालत में रिसीव करा दिया है। प्रमुख सचिव न्याय के यहां से दया याचिका राज्यपाल को भेजी जाएगी, जहां से राष्ट्रपति को जाना है।
पीडी सलौनिया, जेल अधीक्षक रामपुर ने बताया कि शबनम के अधिवक्ताओं ने दोबारा दया याचिका तैयार की है। अधिवक्ता गुरुवार को जेल आए थे और शबनम के हस्ताक्षर कराकर दे गए थे। इसे शुक्रवार को प्रमुख सचिव न्याय और अमरोहा जिला जज की अदालत में रिसीव करा दिया गया है।