केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के एक महीने पूरे हो गए हैं, मगर अब तक बीच का रास्ता नहीं निकल पाया है। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 30 दिनों से पंजाब और हरियाणा समेत देश के अन्य इलाकों से आए किसान डंटे हैं और सरकार से एमएसपी पर गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं।
केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नई पेशकश पर विचार के लिए शुक्रवार को बैठक की। संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं।
यूनियनों ने कहा कि आज शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी, जिसमें ठहरी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है।
प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं में से एक ने नाम उजागर नहीं करने की इच्छा के साथ कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की उनकी मांग बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र के पत्र पर फैसला करने के लिए हमारी एक और बैठक होगी।
उस बैठक में, हम सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का फैसला कर सकते हैं, क्योंकि उसके पिछले पत्रों से प्रतीत होता है कि वह अब तक हमारे मुद्दों को नहीं समझ पाया है।