‘नमकवाली’ ब्रांड के नाम से देशभर में पहाड़ के ‘पिस्यूं लूण’ (पिसा हुआ नमक) का जायका बिखेर रही शशि बहुगुणा रतूड़ी आज उत्तराखंड में खूब नाम कमा रही है। पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित ग्वाड़ी की रहने वाली शशि बहुगुणा रतूड़ी अपनी इस कामयाबी का बड़ा श्रेय अपने पति और परिवार के साथ ही सोशल मीडिया को भी मानती है। वर्तमान में वह देहरादून के थानो क्षेत्र में काम कर रही हैं।
बता दे की 2018 में इस पहाड़ी नमक को बनाने की शुरुआत की थी। 2020 में इन्होने अपनी वेबसाइट बनाई। साथ ही, इसे अमेजन पर भी बेचना शुरू किया। इनके बनाए नमक को खरीदने वाले हमारे राज्य के लोग नहीं है, बल्कि बाहरी राज्यों के हैं और उन तक पहुंचने का रास्ता सोशल नेटवर्क बना। फेसबुक, वेबसाइट के जरिए लोगों की डिमांड हम तक पहुंची। इन्होने बताया की अगर हमने सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं किया होता तो आज हम अपने काम को देशभर तक नहीं पहुंचा पाते
नमक पीसने के काम में मेरे साथ थानो, सत्यो, टिहरी, चंबा, उत्तरकाशी आदि स्थानों से 15 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं। इनमें स्थायी रूप से काम करने वाली महिलाएं एक माह में 10 हजार रुपये तक कमा लेती हैं, जबकि अस्थायी रूप से काम करने वाली महिलाओं को काम के अनुसार पारिश्रमिक दिया जाता है। इसके अलावा समूह से जुड़ी महिलाएं देशभर में आयोजित होने वाले स्वरोजगार मेलों में स्टाल भी लगाती हैं। लूण के अलावा समूह से जुड़ी महिलाएं 17 पहाड़ी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से मसाला तैयार करती।