कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में खुद को आरोपमुक्त किए जाने की मांग हुए अदालत से कहा है कि सुनंदा की मौत को लेकर कई जांच की गईं व कई दृष्टिकोणों से विशेषज्ञों की राय ली गई, लेकिन मौत को लेकर कोई निश्चित वजह सामने नहीं आई। ऐसे में अदालत को उन्हें आरेापमुक्त कर दिया जाना चाहिए।
शशि थरूर की तरफ से वकील विकास पाहवा ने विशेष न्यायाधीश गीताजंलि गोयल की अदालत के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल को आरोपमुक्त कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि थरूर के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। थरूर पर पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने एवं आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा चल रहा है।
बचाव पक्ष के विकास वकील पाहवा ने कहा कि जब मौत के कारण का नहीं पता तो इस मामले को दुर्घटना के तौर पर लिया जाना चाहिए। दरअसल, सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात को दक्षिण दिल्ली के एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं। यहां यह दंपति सरकारी बंगले में रंगाई-पुताई का काम होने के कारण ठहरा हुआ था।
वकील पाहवा ने कहा कि पुलिस ने जांच कर रिपोर्ट का पुलिंदा तैयार कर दिया, लेकिन अब तक पुष्कर की मौत का कोई पुख्ता आधार सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट देश के नामी डॉक्टर और फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई हैं। इनमें से किसी रिपोर्ट में नहीं कहा गया कि सुनंदा पुष्कर की मौत आत्महत्या थी या हत्या। अब बस एक ही सिद्धांत सही बैठता है और वह है दुर्घटना का। ऐसे में उनके मुवक्किल थरूर के खिलाफ मुकदमा जारी रखने से कोई फायदा नहीं है।
बचाव पक्ष के वकील पाहवा ने अदालत में कहा कि जिस समय सुनंदा पुष्कर की मौत हुई उस समय वह कई बीमारियों का शिकार थीं। वह पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं थीं। एक महिला जो किसी से बात नहीं कर सकती थी, व्हीलचेयर पर थी, पुलिस कह रही है कि वह स्वस्थ थी।
उन्होंने कहा कि जब आत्महत्या साबित हो रही है तो इसे आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला क्यों बनाया जा रहा है। वकील पाहवा ने कहा कि मृतका पुष्कर के परिवार या दोस्त की तरफ से इस तरह की शिकायत नहीं की गई है और ना ही कोई बयान दिया गया है फिर भी पुलिस ने जबरन दहेज प्रताड़ना व हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दायर किया है। इस मामले में वकील पाहवा आरोपपत्र पर बहस कर रहे हैं।
अभी आरोप तय को लेकर उनकी दलीलें पूरी नहीं हुई हैं। ऐसे में अदालत ने इस मामले में सुनवाई को 23 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है। थरूर को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्हें अदालत ने जुलाई 2018 में जमानत दे दी थी।