सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर हो रही सुनवाई अब टल गई है. सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को कहा है कि वो किसानों का पक्ष जाने बिना कोई निर्णय नहीं लेंगे. ऐसे में अभी सरकार और किसानों के बीच कमेटी बनाने पर कोई निर्णय नहीं हुआ.
हालांकि, सुनवाई के दौरान अदालत ने कुछ सख्त टिप्पणी की जिसमें प्रदर्शन को किसानों को हक बताया, लेकिन इससे किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. अदालत ने सरकार को सलाह भी दी कि वो कुछ वक्त के लिए कानूनों को होल्ड रखने पर विचार करे.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की मांग की गई. तो चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रदर्शन करना किसानों का अधिकार है, ऐसे में उसमें कटौती नहीं की जा सकती है. हालांकि, इस अधिकार से किसी दूसरे व्यक्ति को दिक्कत ना आए, इसपर विचार हो सकता है.
हालांकि, चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि प्रदर्शन का भी एक लक्ष्य होता है, जो बातचीत से निकल सकता है. यही कारण है कि हम कमेटी बनाने की बात कह रहे हैं, कमेटी में एक्सपर्ट हो सकते हैं वो अपनी राय रखें. तबतक किसानों को प्रदर्शन करने का हक है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि प्रदर्शन चलता रहना चाहिए, लेकिन रास्ते जाम ना हो. पुलिस को भी कोई एक्शन नहीं लेना चाहिए, बातचीत से हल निकलना जरूरी है.