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भारत का सख्त एक्शन, कैनेडियन बॉर्डर पुलिस का अधिकारी संदीप सिंह भगोड़ा घोषित

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भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जारी कूटनीतिक विवाद में एक नया मोड़ आया है. भारत ने कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) के एक अधिकारी संदीप सिंह सिद्धू का नाम आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अपने भगोड़ों की सूची में जोड़ा है. यह जानकारी न्यूज़ रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आई है.

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने हाल ही में भारतीय डिप्लोमैट्स पर आरोप लगाया था कि वह कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बना रहे हैं. इन सिख अलगाववादियों के बारे में जानकारी भारत सरकार को दे रहे हैं. आरोप है कि भारतीय अधिकारी इन जानकारियों को संगठित अपराध समूहों के साथ साझा कर रहे हैं, जो कनाडा में सिख कार्यकर्ताओं पर हमले, फिरौती और हत्याओं में शामिल हैं.

भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है. भारत ने कहा है कि कनाडा की ओर से निज्जर हत्याकांड में लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं. इसके साथ ही भारत ने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त और पांच दूसरे डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया. वहीं, कनाडा ने भी ओटावा में इंडियन हाईकमिश्नर समेत 6 डिप्लोमैट्स को निष्काषित कर दिया है. बता दें कि भारत लंबे समय से कनाडा पर खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगा चुका है. अब दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार, CBSA के अधिकारी संदीप सिंह सिद्धू का नाम एक प्रतिबंधित संगठन अंतरराष्ट्रीय सिख युवा महासंघ (International Sikh Youth Federation) से जुड़ा है. संदीप सिंह सिद्धू पर पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है. बताया जा रहा है कि2020 में बालविंदर सिंह संधू की हत्या में भी सिद्धू की भूमिका रही है. बालविंदर सिंह सिद्धू पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक माने जाते थे.

कनाडा स्थित खालिस्तानी ऑपरेटिव्स, जैसे सनी टोरंटो और पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे को बालविंदर सिंह संधू की हत्या का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि “सनी टोरंटो” संदीप सिंह सिद्धू का ही कोई छद्म नाम है या नहीं. बता देंकि निज्जर की हत्या होने से पहले भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित कर दिया था.

भारत ने कनाडा से पिछले दशक में 26 प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे थे, जो अभी भी लंबित हैं. इनमें से कई अपराधी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े हैं, जिन्हें भारत ने कनाडा से गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था. हालांकि, कनाडा की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बेहद अजीब है कि जिन अपराधियों की भारत ने गिरफ्तारी की मांग की थी, अब उन्हीं पर कनाडा के अधिकारी भारत को दोषी ठहरा रहे हैं.

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