राजाजी पार्क में पिछले कई महीनों से लापता बाघिन को जिंदा या मुर्दा खोजने वाले को 25 हजार का इनाम देने की घोषणा के मामले की चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने जांच बैठा दी है। उन्होंने इसे वाइल्ड लाइफ नियमों को उल्लंघन बताकर पार्क निदेशक से रिपोर्ट मांगी है।
राजाजी पार्क के मोतीचूर एरिया में पिछले कई महीनों से एक बाघिन नहीं दिख रही है। जिसकी विभाग लगातार तलाश कर रहा है।
विभाग की ओर से कहा गया है कि उसके पैरों के निशान कांसरों के पास देखे गए हैं। लेकिन अब पार्क के ही डिप्टी डायरेक्टर पुनीत तोमर ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्हेांने पार्क वार्डन को पत्र भेजकर बाघिन की असल स्थिति का जल्द पता लगाने को कहा है।
ये भी कहा है कि या तो बाघिन जिंदा है और पार्क के अंदर है, या वह मर चुकी है या वह पार्क से बाहर निकल गई है, या उसके साथ कोई घटना हो गई है।
उन्हेांने इन सभी संभावनों को ध्यान में रखकर जल्द बाघिन का पता लगाने को कहा है। साथ ही स्टाफ या आम लोगों के लिए बाघिन को जिंदा या मुर्दा लाने या उसके साक्ष्य देने वाले को 25 हजार का इनाम देने की घोषणा तक कर डाली।
अब डिप्टी डायरेक्टर की इस घोषणा से विभाग में हड़कंप मच गया है। सवाल उठ रहे हैं कि एक बाघिन पर इस तरह इनाम कैसे रखा जा सकता है, वो भी पार्क के डिप्टी डायरेक्टर की ओर से। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग ने इसकी जांच बैठा दी है।
डिप्टी डायरेक्टर को इस तरह बाघिन पर इनाम रखने का अधिकार नहीं है। ये पूरी तरह गलत और वाइल्ड लाइफ एक्ट के खिलाफ है। मामला गंभीर है। इसकी जांच करवाई जा रही है। वैसे भी बाघिन कहीं गायब नहीं हुई। जानवर को इतने घने जंगलों में कहीं जाने से रोका नहीं जा सकता। हमें उम्मीद है कि उसे हम जल्द सही सलामत खोल निकालेंगे।
जेएस सुहाग, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन