जोशीमठ में मौसम खुलने के साथ ही राहत कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है। बता दे कि रविवार को दो होटलों समेत 19 भवनों की डिस्मेंटलिंग का काम जारी रहा।
इसी के साथ बदरीनाथ हाईवे पर एसबीआइ के सामने नई दरार उभरी है, जिसे मिट्टी डालकर भरा जा रहा है।
साथ ही, मलारी हाईवे पर चौड़ी हुई दरारों में भी मिट्टी भरकर उन्हें चलने लायक बनाया जा रहा है। उधर, जेपी कालोनी में फूटी जलधारा का प्रवाह भी घटकर 132 एलपीएम रह गया है।
बता दे कि बीती गुरुवार रात से शुक्रवार देर रात तक वर्षा और बर्फबारी के चलते जोशीमठ में राहत कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ गई थी।
वहीं डिस्मेंटलिंग का काम पूरी तरह रोकना पड़ा था। वहीं विपरीत परिस्थितियों में प्रशासन की चुनौतियां भी काफी बढ़ गई थी।
जिसके बाद शनिवार को मौसम साफ होने पर राहत समेत भवनों को तोड़ने का काम फिर शुरू हुआ। हालांकि बर्फ पिघलने के चलते कार्यों की रफ्तार थोड़ी धीमी रही। लेकिन, रविवार को चटख धूप खिलने के बाद कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली।
आपदा प्रभावित जोशीमठ में डिस्मेंटलिंग के लिए चयनित 20 भवनों में से 19 को तोड़ने का काम चल रहा है।
इनमें मलारी इन और माउंट व्यू दो होटलों समेत तीन आवासीय भवन, एक डाक बंगला और जेपी कालोनी के 14 भवन शामिल हैं।
बता दे कि जोशीमठ में बिगड़ते हालात को देखते हुए स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को गोपेश्वर शिफ्ट कर दिया गया है।
हालांकि बैंक के कर्मचारी अभी भी जोशीमठ कार्यालय में ही काम कर रहे हैं। बैंक भवन में दरारें होने के चलते इसे भी दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है।