देश की मेडिकल रेग्यूलेटरी बॉडी नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एक सर्कुलर जारी कर विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स को बड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना अथवा युद्ध जैसी परिस्थितियों के कारण अपनी ‘इंटर्नशिप’ पूरी नहीं कर पाने वाले विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स भारत में इसे पूरा कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि इसके लिए छात्रों को स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना होगा.
एक सर्कुलर में NMC ने कहा है, ‘इन छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली ‘पीड़ा और तनाव’ को देखते हुए उनके आवेदनों पर राज्य चिकित्सा परिषदों द्वारा कार्रवाई की जा सकती है, बशर्ते उम्मीदवारों ने भारत में इंटर्नशिप पूरा करने के लिए आवेदन करने से पहले विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो.’ इंटर्नशिप को पूरा करने की परमिशन यूक्रेन के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में भारतीय छात्रों की मदद कर सकती है, जिन्हें रूसी आक्रमण के कारण अपने कोर्स को छोड़ना पड़ा था.
रूसी सैनिकों के लगातार हमलों के बीच यूक्रेन से भागने के बाद केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए विमानों से हजारों भारतीय छात्र अपने देश वापस चले गए.