पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में करोना की वजह से मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को 1 घंटे के लिए पूरे पंजाब में साइलेंट जोन बनाने की अपील की. लेकिन पंजाब के सीएम की इस अपील का कोई भी असर पंजाब में दिखाई नहीं दिया.
पंजाब सरकार की ओर से इस दौरान इंटर-सिटी और इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रैफिक को रोकने के निर्देश दिए गए थे. शनिवार को दोपहर 11 से 12 बजे तक सड़कों पर साइलेंस रखने और इस दौरान मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों समेत अन्य जगहों के माइक और लाउडस्पीकर बंद रखने के भी निर्देश थे.
लेकिन मोहाली में पंजाब सरकार के ये निर्देश और अपील फेल साबित हुई और इस दौरान सड़कों पर ट्रैफिक उतना ही दिखाई दिया और लोग वाहनों के हॉर्न भी बजाते दिखे, कई लोगों ने तो कोरोना गाइडलाइन्स भी फॉलो नहीं कीं.
वहीं अमृतसर की जनता भी ट्रैफिक रुकवा कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के इस तरीके पर सवाल खड़े कर रही है. इस दौरान मरीजों को लेने जा रही एंबुलेंस भी ट्रैफिक जाम में फंसी हुई दिखाई दीं. बच्चों के साथ माता-पिता भी ट्रैफिक में फंसे हुए दिखाई दिए.
अकाली दल ने पंजाब सरकार के तरीके पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि मौन रखवाना हो तो 1-2 मिनट का वक्त ही बहुत होता है जबकि पंजाब सरकार एक 1 घंटे तक सड़कों पर जबरन ट्रैफिक को रुकवा रही है.
अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार को पहले करोना की वजह से हो रही मौतों के आंकड़े को लेकर सफाई देनी चाहिए ना कि इस तरह की बेवजह की बातें करनी चाहिए.
पंजाब सरकार की ओर से करोना मृतकों को दी जाने वाली इस श्रद्धांजलि के लिए सरकार की तरफ से पर्याप्त प्रचार नहीं किया गया था. इसके बावजूद जबरन ट्रैफिक को रुकवाया गया. इससे जनता परेशान रही.