केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसानों ने करीब आठ हफ्ते से सख्त तेवर अपना रखे हैं. इस अवधि में कई जगह रेलवे ट्रैक पर किसानों के धरने से पंजाब में रेल यातायात पर बुरा असर पड़ा.
मालगाड़ियों के न चलने की वजह से पंजाब को कोयला, फर्टिलाइजर्स जैसी कई जरूरी चीजों की किल्लत का सामना करना पड़ा.
कोयले की सप्लाई बाधित होने से पंजाब में थर्मल पावर स्टेशन्स का कामकाज प्रभावित हुआ जिससे राज्य में बिजली का उत्पादन घट गया.
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने ऐलान किया है कि पंजाब के किसान हर हाल में 26 नवंबर को दिल्ली के लिए कूच करेंगे जहां पर केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.