पुणे की एक अदालत ने 2020 में लोनावला के शिवसेना नेता राहुल शेट्टी की हत्या के मामले में आरोपित सभी नौ व्यक्तियों को बरी कर दिया है। राहुल शेट्टी की हत्या 26 अक्टूबर 2020 को उस समय हुई थी, जब वे जयचंद चौक, लोनावला में एक सड़क किनारे चाय की दुकान पर थे। दो नकाबपोश हमलावरों ने उन पर कई गोलियां चलाईं, जिसमें दो उनके सिर में और एक उनकी छाती में लगी। इसके अलावा, हमलावरों ने उन पर कुल्हाड़ी से भी हमला किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपियों में से एक, दीपाली भिलारे, जो राहुल शेट्टी से प्रेम करती थीं और उनसे विवाह करना चाहती थीं, ने उनके इनकार के बाद उनकी हत्या की साजिश रची थी।
हालांकि, अदालत ने पाया कि जांच में कई प्रक्रियात्मक कमियां थीं। जैसे कि कुल्हाड़ी से फिंगरप्रिंट्स का संग्रह, घटना स्थल से स्वतंत्र गवाहों के बयान दर्ज करना आदि, जो कभी नहीं किए गए। इन कमियों के कारण, अदालत ने सभी नौ आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
यह मामला न्याय प्रणाली में साक्ष्यों के महत्व और जांच की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, विशेष रूप से जब यह राजनीतिक हस्तियों से संबंधित हो।