हर साल नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही स्कूलों की मनमानी शुरू हो जाती है। इस बार भी यही हाल है। नए शैक्षिक सत्र में ज्यादातर निजी स्कूलों ने फीस में आठ से 10 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी है।
इसके अलावा एडमिशन और एनुअल फीस के नाम पर चार से आठ हजार रुपये अभिभावकों से लिए जा रहे हैं। वहीं स्कूल प्रबंधन इंश्योरेंस, मेंटेंनेस व डीजल के दामों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए स्कूल वाहनों के किराए में 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करने की बात कह रहे हैं। निजी स्कूल प्रबंधन की इस मनमानी से अभिभावक खासे परेशान हैं।
कई स्कूलों ने मार्च में ही अप्रैल की एडवांस में फीस जमा करवा ली है। कुछ स्कूलों ने फीस नहीं बढ़ाई तो हाबी क्लास और एक्टिविटी क्लास के नाम पर एक हजार से डेढ़ हजार तक एक्स्ट्रा फीस ले रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल एप के नाम पर भी 100-200 रुपये लिए जा रहे हैं।