उत्‍तराखंड

केदारनाथ में प्रधानमंत्री: जानिये पीएम के संबोधन की 10 अहम बातें

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आज सुबह 7.55 बजे केदारनाथ धाम पहुंच गए थे. अपने केदारनाथ धाम के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब चार सौ करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित किया.

यहाँ पढ़े उनके संबोधन की कुछ खास बातें:

  1. प्रधानमंत्री ने ‘जय बाबा केदार’ के जयकारों के साथ अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि यह भारत की संस्कृति की व्यापकता का आलौकिक दृश्य है.और देश के सभी साधु-संतों को प्रणाम किया.
  2. पीएम मोदी ने कहा गरुड़चट्टी से मेरा पुराना नाता है. आज गाेवर्धन पूजा के दिन मुझे केदारनाथ दर्शन का सौभाग्य मिला है. उन्होंने 2013 की आपदा को याद कर कहा मैंने यहां की तबाही को अपनी आंखों से देखा था. लेकिन अब यहाँ तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं.
  3. केदारनाथ में हुई तबाही पर प्रधानमंत्री ने कहा कि, बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था.
  4. उत्तराखंड को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, मैंने जो पुनर्निर्माण का सपना देखा था वो आज पूरा हो रहा है. जो कि सौभाग्य की बात है.इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं.
  5. उन्होंने उत्तराखंड के सीएम की भी तारीफ की. कहा मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी का और इन कामों की जिम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूं.
  6. प्रधानमंत्री ने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ ‘शं करोति सः शंकरः’ यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है. इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित किया. उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे.आदि शंकराचार्य का जीवन भारत और विश्व कल्याण के लिए था. आज आप श्री आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुन: स्थापना के साक्षी बन रहे हैं. यह भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बह़त अलौकिक दृश्य है.
  7. प्रधानमंत्री ने शंकराचार्य के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा, जात-पात के भेदभाव से हमारा कोई सरोकार नहीं है. एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था. लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ समग्र तरीके में देखता है. आदि शंकराचार्य ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है.
  8. प्रधानमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य जी ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों के पुनर्जागरण का काम किया. आदि शंकराचार्य ने सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की है.
  9. अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा. भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है.
  10. चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाईवे से जुड़ रहे हैं. भविष्य में यहां केदारनाथ तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

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