राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें लिस्बन के ऐतिहासिक सिटी हॉल में एक विशेष समारोह में लिस्बन के मेयर कार्लोस मोएदास द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर लिस्बन के कई प्रतिष्ठित नागरिक, राजनयिक कोर के सदस्य, और भारतीय एवं इंडो-पुर्तगाली समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने लिस्बन के लोगों की खुलेपन, विविधता के प्रति सम्मान और संस्कृति की सराहना की। उन्होंने कहा कि लिस्बन तकनीकी परिवर्तन, नवाचार, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और डिजिटल परिवर्तन में अग्रणी वैश्विक शहर है, और इन क्षेत्रों में भारत और पुर्तगाल के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु की यह यात्रा विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह 27 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली पुर्तगाल यात्रा है; इससे पहले 1998 में राष्ट्रपति के. आर. नारायणन ने पुर्तगाल का दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
इसके अलावा, राष्ट्रपति मुर्मु ने सांता मारिया चर्च का दौरा किया और पुर्तगाल के राष्ट्रीय कवि लुइस वाज़ डी कामोएश की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने मोनेस्ट्री ऑफ जेरोनिमोस का भी भ्रमण किया, जो पुर्तगाल की 16वीं सदी की वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।