उत्तराखंड में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने और कोरोना संक्रमण की दर कम होती देख सरकार ने पांचवीं से ऊपर की सभी कक्षाओं को खोलने की तैयारी शुरू कर दी। इसकी शुरुआत नवीं और ग्यारहवीं कक्षा से की जाएगी।
जबकि छठी से आठवीं तक की कक्षाओं को एक फरवरी से खोलने की योजना है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर को स्कूल खोलने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट में लिया जाएगा।
इससे पहले विभागीय प्रस्ताव लिया जा रहा है। अफसरों को कहा गया है कि प्रस्ताव में अभिभावकों की राय अवश्य शामिल करें। स्कूल खोलने का निर्णय पूर्व की तरह अभिभावकों की राय से ही होगा। बता दें कि विगत साल दो नवंबर से सात महीने के लॉकडाउन के बाद प्रदेश के स्कूल खुल गए हैं।
प्रथम चरण में माध्यमिक स्कूलों में केवल कक्षा 10 और 12 वीं के छात्रों को आने की अनुमति होगी। केवल वे ही छात्र स्कूल आ सकते हैं, जिनके अभिभावक उन्हें मंजूरी देंगे। सर्दियों के समय के अनुसार सुबह 9.15 बजे सभी स्कूल खुल गए हैं।
शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने शिक्षा निदेशक और सभी नोडल अफसरों को व्यवस्था पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। कोरेाना संक्रमण की शुरूआत पर 14 मार्च से राज्य के सभी शैक्षिक संस्थानों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था।
231 दिन बंद रहने के बाद सोमवार से स्कूल खोलने का पहला चरण शुरू होने जा रहा है। शिक्षा सचिव ने बताया कि स्कूल संचालन के लिए विस्तृत एसओपी जारी की जा चुकी है। हर स्कूल का प्रधानाचार्य नोडल अधिकारी बनाया गया है।
नोडल अधिकारी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए तय मानकों के पालन के लिए जिम्मेदार होंगे। कोरोना महामारी की वजह से स्कूल का फार्मेट भी बिलकुल बदलने जा रहा है। ऐेसे कई नए मानक लागू किए गए हैं, जो अब पहले कभी सोचे तक नहीं गए थे।
स्कूल मैदान में होने वाली प्रार्थना सभा कल से नहीं होगी। छात्र क्लासरूम में ही सुबह की प्रेयर कर सकते हैं। इसके साथ ही सभी प्रकार की सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां भी प्रतिबंधित रहेंगी।
सर्दी, खासी, जुकाम और बुखार की शिकायत मिलने पर सबंधित कामिक और छात्र को स्कूल से लौटा दिया जाएगा छात्रों को स्कूल में होने वाले स्वच्छता अभियानों में शामिल नहीं किया जाएगा स्कूल में कोरोना पॉजिटिव मामला प्रकाश में आने पर तत्काल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को सूचना देनी होगी। एसओपी का उल्लंघन होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।