केंद्र के लाए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इन धरनास्थलों पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। किसान संगठनों का कहना है कि पुलिस जगह-जगह डीजे बजा रही है, जिसमें ‘संदेशे आते हैं’ जैसे मशहूर गाने चल रहे हैं।
किसान मजदूर संघर्ष समिति ने मांग की है पुलिस के पास बज रहे डीजे को बंद किया जाए क्योंकि इससे उन्हें दिक्कत हो रही है। समिति ने इस संबंध में प्रेस रिलीज जारी की है और एक वीडियो भी शेयर किया है।
समिति ने प्रेस रिलीज में लिखा है, ‘केंद्र सरकार को वार्ता से पहले सभी गिरफ्तार किसानों को रिहा करना चाहिए। बैरिकेडिंग, पानी, इंटरनेट और वॉशरूम पर प्रतिबंध हटा दिया जाना चाहिए ताकि सामान्य स्थिति बहाल हो सके और पंडाल के पास पुलिस के डीजे बंद किए जाएं।’
किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, प्रदेश महासचिव सरवन सिंह पंधेर, प्रदेश उपाध्यक्ष सविंद्र सिंह चताला ने प्रेस को एक लिखित बयान में कहा है कि संगठन का कानूनी प्रकोष्ठ और दिल्ली का कानूनी प्रकोष्ठ मिलकर काम कर रहे हैं। समिति के मुताबिक, पश्चिम विहार वेस्ट (बाहरी जिला) पुलिस स्टेशन में 12 एफआईआर, अलीपुर (बाहरी उत्तर) पुलिस स्टेशन में 35 एफआईआर, नजफगढ़ (द्वारका) में 7 एफआईआर, नांगलोई (आऊट्र डिसट्रिक्ट) 8 एफआईआर, सीमापुरी (शाहदरा) 3 एफआईआर, उत्तम नगर (द्वारका) पुलिस स्टेशन में 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
किसानों ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी की घटनाओं के बाद दंगाइयों के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। किसानों ने मांग की है कि शांतिपूर्ण किसानों पर पथराव के अपराधियों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करे और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
नेताओं ने कहा कि सरकार को बातचीत से पहले पूरे माहौल को ठीक करना चाहिए, किसान काले कानून को वापस लेना चाहिए, किसान संघर्ष समिति पंजाब के मंच के आसपास की गई नाकाबंदी खोलनी चाहिए और इंटरनेट की सेवाएं बहाल करनी चाहिए।