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बांग्लादेश की आजादी के लिए पीएम मोदी का ‘सत्याग्रह-गिरफ्तारी’ कांग्रेस को नहीं हुई हजम

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आज बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान हो रहे हैं । यानी इन दोनों राज्यों की जनता ने अपनी-अपनी सरकार चुनने के लिए कमर कस ली है । बंगाल में तो भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता के सिंहासन को लेकर आज पहल परीक्षा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश से और गृहमंत्री अमित शाह लोगों से अधिक से अधिक वोट डालने की अपील कर रहे हैं ।

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी बंगाल की जनता से बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लेने की अपील की है । इन दोनों राज्यों में शाम तक वोटिंग जारी रहेगी, जब तक कुछ और चर्चा कर ली जाए । पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार से बांग्लादेश में है । प्रधानमंत्री के विदेश दौरे को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस हर बार एक्टिव हो जाती है। कांग्रेसी नेता हर बार पीएम मोदी के विदेशों में दिए गए बयानों पर ‘आकलन’ (रिसर्च) करते रहे हैं ।

अब बात करते हैं बांग्लादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए गए बयान पर कांग्रेस एक बार फिर भड़क गई है । प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर ढाका में आयोजित मुख्य समारोह में वर्ष 1971 के युद्ध को याद किया ।

इस मौके पर ‘मोदी ने कहा कि यहां पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराध और अत्याचार किए, उनकी तस्वीरें विचलित करती थीं और भारत में लोगों को कई-कई दिन तक सोने नहीं देती थीं, मोदी ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था’। ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया और गिरफ्तारी दी’ ।

बांग्लादेश के जश्न-ए-आजादी के मौके पर मोदी की कही गई इस बात को कांग्रेस हजम नहीं कर पा रही है । कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बांग्लादेश जब 1971 में पाकिस्तान से आजाद हुआ था तब देश में कांग्रेस की सरकार और इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए पीएम मोदी का कहना कि मैंनेे भी उस समय सत्याग्रह किया था, कांग्रेसी नेताओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्रर मोदी बांग्लादेश में खुद का गुणगान करने में लगे हुए हैं ।

बांग्लादेश में पीएम को अपना गुणगान करने पर कांग्रेस को नहीं आया पसंद—-

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश को ‘फर्जी खबर’ का स्वाद चखा रहे हैं। थरूर ने कहा कि हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।

वहीं काग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी निशाना साधते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संपूर्ण राजनीतिक विज्ञान करार दिया । इसके अलावा कांग्रेस नेताओं ने मोदी के इंदिरा गांधी के योगदान को लेकर कही गई बात भी सवाल उठाए ।

अब आपको बताते हैं प्रधानमंत्री ने क्या कहा। ‘मोदी ने ढाका के नेशनल परेड स्‍क्‍वायर में अपने संबोधन के दौरान कहा कि “बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है’ । प्रधानमंत्री के इस संबोधन के बाद देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने आपत्ति जताई ।

अभिजीत ने ट्वीट करते हुए लिखा, पीएम मोदी बांग्‍लादेश की स्‍वतंत्रता के 50 वर्ष का समारोह मनाने गए,‍ क्या उन्‍होंने कभी हमारी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और मेरे पिता दिवंगत श्री प्रणब मुखर्जी की भूमिका को स्‍वीकार किया? शायद इसलिए नहीं क्‍योंकि उनका अपना राजनीतिक एजेंडा है, जिसे पूरा करने के लिए वह बेचैन हैं।

ऐसे ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भी इंदिरा गांधी के बांग्लादेश को आजाद कराने पर किए गए योगदान को कम महत्व देने पर भी पीएम मोदी पर सवाल उठाए । कांग्रेस नेताओं के इन आरोपों के बाद भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश को पहचान दिलाने के लिए जनसंघ द्वारा आयोजित सत्याग्रह का हिस्सा थे, हां, वह इसका हिस्सा थे।

सही मायने में कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री के बांग्लादेश दौरे को लेकर चाहते थे कि वहां वे कांग्रेेस और इंदिरा गांधी का गुणगान करें । हालांकि पीएम मोदी ने बांग्लादेश को आजाद कराने में इंदिरा गांधी के योगदान का उल्लेख किया, लेकिन कांग्रेस पार्टी इससे खुश नहीं है ।

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