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फहराया तिरंगा: लाल किले से पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इन मुख्य विषयों पर दिया विशेष जोर

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पूरा देश 75वें स्वतंत्रता दिवस के पूरे होने का जश्न मना रहा है. इस खास मौके पर पीएम ने लाल किले की प्राचीर पर लगातार 9वीं बार तिरंगा फहराया.इससे पहले प्रधानमंत्री ने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी. इस बार लाल किले का नजारा अलग दिखाई दिया. पीएम मोदी ने 82 मिनट तक लोगों को संबोधित किया. इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई. प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में कई बातों का उल्लेख किया.

अपने भाषण में उन्होंने देश के सामने 5 संकल्प रखे. भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाषा और लोकतंत्र का जिक्र किया. महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, वीर सावरकर को यादकर नमन किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये दिन ऐतिहासिक है. आजादी के जंग में गुलामी का पूरा काल खंड संघर्ष में बीता है.

हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं था जहां के लोगों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो. अपनी जिंदगी न खपाई हो. आहुती न दी हो. आज हम सब देशवासियों के लिए हर महापुरुष को, त्यागी को बलिदानी को नमन करने का अवसर है. उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लेने का अवसर है.

उन्होंने आगे कहा कि मैं इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी भारतीयों और भारत से प्यार करने वालों को बधाई देता हूं. आज नए संकल्प के साथ नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का दिन है. न सिर्फ हिंदुस्तान का हर कोना बल्कि दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वाला विश्व के हर कोने में ये हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है.

इस मौके पर पीएम मोदी ने नारी सम्मान पर भी विशेष बल दिया. उन्होंने कहा, मैं एक पीड़ा जाहिर करना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि शायद ये लाल किले का विषय नहीं हो सकता. मेरे भीतर का दर्द कहां कहूं.

वो है किसी न किसी कारण से हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है, हमारी बोल चाल, हमारे शब्दों में, हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं.

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