नो मनी फॉर टेरर को लेकर आज आयोजित मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं, वहीं कुछ अन्य देश आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की अप्रत्यक्ष रूप से कोशिश करते हैं।
इसी के साथ प्रधानमंत्री ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इसकी कीमत चुकाने के लिए मजबूर किए जाने की बात भी कही। बता दे कि इस सम्मेलन में 70 से ज्यादा देशों और अतंरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। पीएम मोदी ने कहा, आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति दर्शाने वाले संगठनों को भी अलग किए जाने की आवश्यकता है।
साथ ही उन्होंने कहा, कि ‘‘यह सर्वविदित है कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। एक स्रोत किसी देश से मिलने वाली मदद भी है। ‘‘अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब शांति है। छद्म युद्ध भी खतरनाक और हिंसक होते हैं।’’
भारत लंबे समय से कहता आ रहा है कि पाकिस्तान भारत में, खासकर जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी हमले के लिए आतंकवादी संगठनों को हर प्रकार से मदद पहुंचाता है। ‘‘ऐसे मामलों किसी और को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। आतंकवाद के हर तरह के प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है।’’
मोदी ने कहा कि दशकों से विभिन्न नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की और इस वजह से देश ने हजारों कीमती जीवन खो दिए लेकिन इसके बावजूद देश ने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि एक हमला भी बहुत ज़्यादा है। ‘’प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापक रणनीति के बिना आतंकवाद के वित्त पोषण पर चोट करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता और इस दिशा में अभी तक जो रणनीतिक बढ़त मिली है, वह भी कहीं पीछे छूट जाएगी।