सऊदी अरब से पीएम इमरान को मिली ‘चावल’ की बोरी तो पाक की आवाम ने उड़ाया मजाक

प्रधानमंत्री इमरान खान इस बार अपनी विदेश यात्रा रवाना होने से पहले जनता से कई बड़ी घोषणाएं करके गए थे । पाक की आवाम भी अपने प्रधानमंत्री के स्वदेश लौटने की इस उम्मीद के साथ आस लगाए हुए थी इस बार कोई ‘बड़ी आर्थिक सहायता’ मिलेगी।

लेकिन जब इमरान पाक लौटे तब लोगों को निराशा हुई । आज बात करेंगे पड़ोसी देश पाकिस्तान की। पाक की आवाम अपने प्रधानमंत्री इमरान खान की सोशल मीडिया पर खूब जमकर ‘हंसी’ उड़ा रही है ।

बात को आगे बढ़ाने से पहले बता दें कि पड़ोसी देश भी कोरोना महामारी से ग्रसित है । इसके साथ वहां पिछले काफी समय से ‘आर्थिक संकट’ भी गहराया हुआ है । पड़ोसी देश में चाहे मौजूदा सरकार हो या पूर्ववर्ती, जब-जब पाकिस्तान में मुसीबत आई है तब उन्होंने अपने सबसे भरोसेमंद देश सऊदी अरब की ओर हाथ फैलाया है । हालांकि सऊदी अरब ने कभी पाक को निराश नहीं किया। लेकिन इस बार सऊदी ने आर्थिक सहायता कहो हो या दान के रूप में एक ऐसा ‘गिफ्ट’ दिया जिसे पाकिस्तानी जनता इमरान सरकार का ‘मजाक’ बना रही है ।

आइए आपको बताते हैं प्रधानमंत्री इमरान किस इरादे से सऊदी अरब गए थे और क्या लेकर लौटे हैं । तीन दिन की यात्रा पर सऊदी पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश लौट गए हैं।’सऊदी सरकार ने पाकिस्तान को चावल की 19,032 बोरियां दान की हैं’ । पाक पीएम खान सऊदी अरब यात्रा में अपने कई मंत्रियों और अधिकारियों के साथ भारी-भरकम लाव-लश्कर के साथ ‘बुलंद इरादों’ को लेकर रवाना हुए थे । लेकिन चावल की बोरी लेकर लौटने पर विपक्ष सहित जनता भी सवाल उठा रही है। हालांकि, इमरान सरकार इस यात्रा को अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है।

पीएम इमरान खान की यात्रा के बाद चावल के जरिए मदद का एलान किया गया। बता दें कि पंजाब प्रांत के लाहौर, फैसलाबाद, साहिवाल और खानेवाल और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की मरवत, टैंक, बाजौर, लोअर डर तथा डेरा इस्माइल खान जिले में चावल वितरित किया जा रहा है। अब इमरान खान की आलोचना हो रही है कि हाल के दिनों तक चावल के बड़े निर्यातक रहे पाकिस्तान को आखिर ऐसी मदद क्‍यों लेनी पड़ी? हालांकि, इसे लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश के भीतर ही बुरी तरह घिर गए हैं।

पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी ने इसे अपने देश की बेइज्जती बताया—

अभी कुछ दिनों पहले पाक पीएम इमरान खान ने कोरोना महामारी संकटकाल में भारत को ‘मदद’ देने का एलान किया था । इमरान के इस फैसले के बाद पाक की जनता ने सोशल मीडिया पर सराहनीय कदम बताया था । साथ ही भारत में भी इसकी प्रशंसा की गई थी । लेकिन इस बार आर्थिक सहायता के तौर पर सऊदी अरब से मिली चावल की बोरी के बाद इमरान की ‘फजीहत’ शुरू हो गई है।

पाकिस्तान का विपक्ष इसे अपने देश की ‘बेइज्जती’ बता रहा है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष ‘बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान जितनी कीमत के चावल सऊदी अरब से लेकर आए हैं, इससे ज्यादा पैसे तो उन्होंने अपनी यात्रा पर खर्च कर दिए’। विपक्षी नेता भुट्टो ने सऊदी अरब के दान देने के समय पर भी सवाल उठाया है। भुट्टो ने कहा कि ‘दान में मिली चावल की बोरियों की कीमत इमरान द्वारा दो दर्जन दोस्तों और मंत्रियों के साथ सऊदी के दौरे पर किए गए खर्च से बहुत कम है। उन्होंने कहा कि सऊदी ने पाक को ये मदद जकात या फितरा समझकर दी है।

उन्होंने कहा कि इमरान खान ने राजनीति के क्षेत्र में 22 साल इस दिन को देखने के लिए ही मेहनत की थी। उन्हें न्यूक्लियर आर्म्ड कंट्री के लिए इस तरह की मदद लेने से पहले सोचना चाहिए था। दूसरी ओर इमरान खान की सरकार ने जकात के तौर पर मिले चावल को लेकर अपना बचाव किया है। ‘इमरान सरकार के विशेष सलाहकार ताहिर अशरफी ने कहा कि पाकिस्तान गरीबों लिए सऊदी से ऐसी मदद पहले भी ले चुका है’। उन्होंने कहा कि इस दौरे पर चावल की बोरियां दान करने का फैसला सऊदी ने एक महीने पहले ही कर लिया था। इमरान ने अपने तीन दिन के दौरे में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से भी मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने को लेकर चर्चा हुई। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकटों से घिरा हुआ है । अवाम बढ़ती महंगाई से जूझ रही है।

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