कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ 2015 में खनन पट्टों के नवीनीकरण के लिए कथित 500 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता एच रामामूर्ति गौड़ा ने राज्यपाल ठाकुर चंद गेहलोत से अभियोजन स्वीकृति की मांग की है।
गौड़ा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 2015 में आठ खनन पट्टों के नवीनीकरण के बदले यह रिश्वत ली थी। उनके अनुसार, इस निर्णय से राज्य को 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। गौड़ा ने राज्यपाल से भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ अभियोजन की अनुमति देने की अपील की है।
इससे पहले, सितंबर 2024 में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्यपाल की अभियोजन स्वीकृति को वैध ठहराया था, जिससे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच की राह खुली थी। मुख्यमंत्री ने इस आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
राज्यपाल ने इस मामले में कानूनी राय लेने के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया का सामना करेंगे और विपक्षी दलों के आरोपों को राजनीति से प्रेरित मानते हैं।