प्रयागराज में बीते चार दशक से माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ से पीड़ित लोगों में अब न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। माफिया अतीक अहमद के सताए लोगों को उनकी जमीनें वापस मिल सकती है। अतीक और अशरफ की मौत के बाद तमाम पीड़ित पुलिस से संपर्क साध रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार नई मुहिम शुरू कर सकती है।
मंथन चल रहा है कि आयोग बनाकर पीड़ितों से शिकायती पत्र लिए जाएं ताकि उनकी जमीन और मकान, जिन्हें अतीक और अशरफ ने खौफ दिखाकर कब्जाया था, उनको वापस दिलाया जा सके। अतीक और अशरफ ने प्रयागराज में हजारों लोगों की जमीनों पर कब्जा किया था या फिर उनको मामूली रकम देकर अपने नाम करा लिया था। अतीक के खौफ से काेई पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाता था।
जांच में सामने आया है कि अतीक और अशरफ के चुनाव में हारने के बाद उनकी प्रयागराज की सियासत में पकड़ कमजोर हो रही थी। अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए उन्होंने इलाके की डेमोग्राफी बदलने की साजिश रची और तमाम जमीनों पर कब्जा करके या कम दामों पर खरीदकर उसे मुस्लिमों को बेचने लगे।
इन जमीनों को बाजार दर से कम दामों पर बेचा जाता था ताकि खरीदार और उसका परिवार उनका वोटर बन जाए। अतीक इसी मकसद से अपनी पत्नी शाइस्ता को राजनीति में ला रहा था। शूटर गुलाम को भी चुनाव लड़वाना चाहता था ताकि वह असद को भी राजनीति में लाने में मदद करे।