रेलवे की ओर से मुरादाबाद मंडल के हरिद्वार-लक्सर खंड पर दोहरीकरण के लिए नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य पांच जनवरी तक जारी रहेगा। अब यात्रियों को अन्य साधनों से अपने गंतव्य की ओर जाना होगा।
शताब्दी समेत सात स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनें कैंसिल रहेगी। कोहरे के बाद अब नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के चलते यात्रियों को ट्रेनों का सफर छोड़कर दूसरा विकल्प ढूंढना होगा।
उत्तर रेलवे की ओर से मुरादाबाद मंडल के हरिद्वार-लक्सर खंड पर दोहरीकरण के लिए नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य किया जाएगा। जो 28 दिसंबर से 5 जनवरी तक जारी रहेगा। इस दौरान रेलवे ट्रैफिक ब्लॉक होने से शताब्दी से लेकर स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनें कैंसिल की गई है।
यात्रियों को अब अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ेगा। यात्रियों को जेब ढीली करने के अलावा समय भी ज्यादा लगाना पड़ेगा।
हाल ही में पांच ट्रेनें कोहरे के कारण भी कैंसिल हो चुकी है। स्टेशन अधीक्षक एसके वर्मा ने बताया कि पांच जनवरी तक हरिद्वार-लक्सर खंड पर नॉन इंटरलॉकिंग के चलते ट्रेनें कैंसिल की गई है।
कोहरे की वजह से ट्रेनों के कैंसिल होने से रेल यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
यह ट्रेनें रहेंगी रद
-29 दिसंबर से 5 जनवरी तक देहरादून-नई दिल्ली शताब्दी
-30 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्री माता वैष्णो देवी कटरा-ऋषिकेश एक्सप्रेस
-29 दिसंबर को देहरादून-नई दिल्ली जनशताब्दी
-28 दिसंबर से 5 जनवरी तक बाड़मेर-ऋषिकेश स्पेशल एक्सप्रेस
-28 दिसंबर से 5 जनवरी तक उदयपुर सीटी-हरिद्वार एक्सप्रेस
-30 दिसंबर को हरिद्वार-वलसाड स्पेशल एक्सप्रेस
-30 और 31 दिसंबर तक हरिद्वार-बांद्रा एक्सप्रेसनैनी-दून जनशताब्दी ट्रेन पांच जनवरी तक बंददेहरादून के लिए चल रही इकलौती नैनी-दून जनशताब्दी स्पेशल ट्रेन मंगलवार से आठ दिनों के लिए संचालित नहीं होगी। हरिद्वार और लक्सर के बीच नॉन इंटरलॉकिंग और डबल लाइन का काम होने की वजह से यह ट्रेन 5 जनवरी तक नहीं चलेगी। काठगोदाम रेलवे स्टेशन के प्रबंधक चयन रॉय ने इसकी पुष्टि की है।
इधर, काठगोदाम से देहरादून के चलने वाली एकमात्र ट्रेन संचालित नहीं होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। पर्यटन सीजन और नए साल के आगमन के बीच ट्रेन बंद होने का असर पर्यटन पर पड़ेगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि नैनी-दून जनशताब्दी ट्रेन में इस बीच यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। ट्रेन का आठ दिन के लिए संचालन बंद होने से रोडवेज पर दबाव बढ़ना तय है।