12 मार्च 2025 को संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन, लोकसभा ने ऑयलफील्ड्स (संशोधन) बिल को पारित किया। यह विधेयक भारत में तेल क्षेत्र की संचालन प्रक्रियाओं को सुगम बनाने और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से मौजूदा कानूनों में बदलाव करने के लिए पेश किया गया था।
विधेयक में कुछ प्रमुख बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं:
लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं का सरलीकरण: तेल और गैस अन्वेषण और उत्पादन के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सरल बनाना, जिससे नौकरशाही में विलंब कम हो सके।
आर्थिक प्रोत्साहन: तेल और गैस अन्वेषण में निजी और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कर में छूट और वित्तीय प्रोत्साहन देना।
पर्यावरणीय सुरक्षा: प्राकृतिक संसाधनों के निष्कर्षण के दौरान पर्यावरणीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम लागू करना।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, श्री अर्जुन सिंह ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि इसके जरिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। हालांकि, विपक्षी दलों ने पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की, लेकिन सरकार की ओर से दिए गए आश्वासनों के बाद विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया गया।
यह विधेयक भारत के तेल और गैस क्षेत्र में सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो उत्पादन में वृद्धि, आयात निर्भरता को कम करने और रोजगार सृजन में मदद करेगा।