एक नज़र इधर भी

यूपी में पान और गुटका थूकने वालों की अब खैर नहीं! पकड़े जाने पर करनी होगी जेब ढीली

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सांकेतिक फोटो

लखनऊ| कभी पान और ‘गुटका’ चबाने और उसे हर तरफ थूकने के लिए बदनाम यूपी की पारंपरिक छवि बदलने के लिए सरकार ने पूरी तरह से कमर कस कर तैयारी कर ली है. इसके लिए शहरी विकास विभाग ने एक अनूठा अभियान शुरू कर दिया है. मिस्टर एंड मिस पीकू नाम का अभियान अब पूरे राज्य में सोमवार से शुरू होने जा रहा है. जिसमें पान और गुटका थूकते हुए पकड़े गए लोगों पर 250 रुपये का जुर्माना लगाने का नियम बनाया गया है. सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर भी यही जुर्माना लागू होगा.

स्वच्छ भारत मिशन (SBM) की (शहरी) राज्य मिशन निदेशक नेहा शर्मा ने राज्य भर के नगर आयुक्तों को लिखे पत्र में कहा कि शहरों में सफाई रखने के लिए न थूकने और न ही कूड़ा फैलाने का अभियान शुरू किया गया है. थूकने के अलावा यह अभियान सार्वजनिक जगहों पर पेशाब करने, खुले में शौच करने, जानवरों को खिलाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर खाना फेंकने और गंदगी फैलाने वालों की भी निगरानी करेगा.

इस अभियान को पहले लखनऊ और आगरा में शुरू किया गया था. ये उत्तर प्रदेश के 2 प्रमुख शहर हैं, जहां हाल ही में भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत बैठकें हुईं. लखनऊ के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि ’23 फरवरी को शुरू किए गए लगभग 10-दिनों के अभियान में हमने लोगों से 1.29 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला.’

जबकि आगरा नगर निगम ने अभी तक कुल जुर्माने की रकम को गिना नहीं है. फिर भी यह भारी रकम होने की उम्मीद है. दोनों शहरों में इस अभियान की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू करने का फैसला लिया गया. बताया गया कि 6 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में जुर्माना के राशि 150 रुपये होगी. जबकि नगर पालिका और नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले इलाकों के लिए 100 रुपये और 50 रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा. यह पहली बार नहीं है जब सार्वजनिक रूप से थूकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 के संशोधित दिशानिर्देशों के तहत सार्वजनिक रूप से थूकने को दंडनीय अपराध बनाया था. यूपी सरकार ने भी ऐसे कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन वे लोगों पर असर डालने में विफल रहे. अब क्या नया अभियान राज्य में बदलाव ला सकता है! यही लाख टके का सवाल है.

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