हिमाचल प्रदेश में 72 घंटे से ज्यादा की मूसलाधार बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। दो दिन के भीतर 21 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को आठ और लोगों की मौत हो गई है जबकि छह उफनती नदियों और नालों में बह गए हैं। बता दे बीते 24 जून को हिमाचल पहुंचा मानसून अब तक 63 लोगों की जान ले चुका है। वहीं, भारी बारिश के चलते श्रीखंड महादेव की पवित्र यात्रा भी स्थगित कर दी है।
बीच राह में टेंटों में फंसे यात्रियों को मौसम साफ होते ही वापस लाया लाएगा।इसी के साथ सोमवार को कुल्लू जिला में फिर बादल फटा है। लगघाटी के फलाण में बादल फटने से 100 बीघा जमीन बह गई है। सरकारी तार स्पेन भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
बता दे की दो निर्माणाधीन पुलों की लाखों की निर्माण सामग्री बह गई है। प्रदेश भर में 28 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं जबकि 55 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 92 गोशालाएं बह गई हैं, जिससे 12 पशुओं की मौत हुई है। सवा सौ से ज्यादा छोटे-बड़े वाहन मलबे में दब गए हैं या बह गए हैं। कुल्लू जिला में 12 पुल बह गए हैं। सात नेशनल हाईवे समेत 828 से ज्यादा सड़कें ठप हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर और 4833 पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हैं। 403 सरकारी बसें आधे रास्ते में फंसी हुई हैं। 1007 बस रूट प्रभावित हैं।
ये एनएच हैं बंद
मनाली-लेहकालका-शिमला
चंडीगढ़-मनाली
आनी-कुल्लू
चंबा-भरमौर
ऊना-मंडी सुपर हाईवे
शिमला-हाटकोटी-रोहड़ू