विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। विपक्ष ने बुधवार को नोटिस दिया था, जिसे लोकसभा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। अब लोकसभा स्पीकर जो दिन तय करेंगे, उस दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष मणिपुर के हालात पर चर्चा की मांग कर सकता है। वहीं दिल्ली के अध्यादेश पर भी संसद में चर्चा हो सकती है। इसे लेकर जदयू ने राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है।
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा है कि ‘संजय सिंह और टीम इंडिया संसद के बाहर अपने धरने प्रदर्शन के चौथे दिन में प्रवेश कर गए हैं। यह देश और टीम इंडिया मांग कर रही है कि प्रधानमंत्री मोदी संसद आएं और मणिपुर पर बयान जारी करें और उस पर विस्तृत चर्चा भी हो।
20 जुलाई से हम ये मांग कर रहे हैं लेकिन ना इस पर कोई चर्चा हुई है और ना प्रधानमंत्री इस पर बयान दे रहे हैं। हमने ऐसी कई घटनाएं देखी हैं, जहां जो लोग सत्ता में हैं, उन्होंने इस्तीफा दिया और जवाबदेही दिखाई। बीते तीन महीने से मणिपुर जल रहा है और हमारे प्रधानमंत्री ने इस पर एक बयान तक जारी नहीं किया है। सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा भी नहीं होने दे रही है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा।’
अगर प्रधानमंत्री मोदी इस पर बोलते हैं तो हो सकता है कि मणिपुर में हालात बेहतर हो जाएं। हम सिर्फ चाहते हैं कि संसद मणिपुर की घटना पर एकजुट होकर दुख जाहिर करे अगर मणिपुर को यह महसूस नहीं कराया गया कि वह हमारा हिस्सा हैं तो पूरी संघीय व्यवस्था के लिए इससे खतरनाक कुछ नहीं हो सकता।