मंगलवार को सुबह शीतकालीन सत्र शुरू होते ही विपक्षी नेताओं ने 12 सांसदों के निलंबन को लेकर हंगामा किया. सदन में विपक्षी नेताओं ने नारेबाजी की और निलंबन को वापस लेने की मांग रखी. विपक्ष की ओर से जारी हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद विपक्षी नेताओं ने महात्मा गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला.
इस मार्च में कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी काले कपड़े पहनकर शामिल हुए. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार सरकार विपक्ष को सवाल उठाने नहीं दे रही है. प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं. यह लोकतंत्र को चलाने का सही तरीका नहीं है. यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि सांसद करीब 2 हफ्ते से निलंबित हैं. वो लगातार धरने पर बैठे हैं. उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था.
मानसून सत्र में इन सांसदों ने अशोभनीय आचरण किया था. सदन के अंदर तोड़फोड़ आसन पर पेपर फेंकने टेबल पर चढ़कर डांस करने और मार्शल के साथ अभद्रता के इन पर आरोप थे. पूरी छानबीन के बाद शीतकालीन सत्र के पहले दिन यह कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने आक्रामक तेवर अख्तियार कर लिए हैं. जिन 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सदन से निलंबित किया गया है, उनमें माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भाकपा के विनय विस्वम शामिल हैं.