हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा तिथि के दिन पौष पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। बता दे कि यह व्रत नए साल में 6 जनवरी 2023 के दिन रखा जाएगा।
इस दिन चंद्र देव की उपासना के साथ लक्ष्मी-नारायण भगवान की उपासना का भी विधान है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सभी कष्ट एवं दुःख दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों को यश, वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ज्योतिष पंचांग के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 6 जनवरी प्रातः 02 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन 7 जनवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर होगा। चन्द्रोदय तिथि के अनुसार यह व्रत 6 जनवरी 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर होगा। पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 04 बजकर 32 मिनट पर होगा।
6 जनवरी अर्थात पौष पूर्णिमा के दिन 3 अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इसलिए इस दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों को भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन ब्रह्म, इंद्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि इस योग में पूजा-पाठ का दोगुना फल प्राप्त होता है।