बीजिंग|…. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सप्ताह नई दिल्ली में होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे और उनके देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री ली क्विंग करेंगे. यहां विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह घोषणा की. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि भारत गणराज्य की सरकार के निमंत्रण पर राज्य परिषद के प्रधानमंत्री ली क्विंग नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली, भारत में आयोजित होने वाले 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
प्रवक्ता माओ ने, भारत की मेजबानी में पहली बार आयोजित हो रहे इस उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन से शी की अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया. राष्ट्रपति शी इस सप्ताह जकार्ता में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं होंगे.
प्रधानमंत्री ली इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे.
चीनी विदेश मंत्रालय के एक अन्य प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक सितंबर को घोषणा की कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर वर्तमान आसियान अध्यक्ष, राज्य परिषद के प्रधानमंत्री ली पांच से आठ सितंबर तक इंडोनेशिया, जकार्ता में होने वाले 26वें चीन-आसियान शिखर सम्मेलन, 26वें आसियान प्लस थ्री (एपीटी) शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और इंडोनेशिया की आधिकारिक यात्रा करेंगे.
अब प्रधानमंत्री ली के जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद भारत की यात्रा करने की उम्मीद है. 2021 में चीन के राष्ट्रपति शी ने चीन के कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण इटली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होने के अपने फैसले से अवगत करा चुके हैं, क्योंकि उन्हें यूक्रेन में ‘‘विशेष सैन्य अभियान’’ पर ध्यान केंद्रित करना है.
रूसी राष्ट्रपति पिछले साल नवंबर में भी जी20 के बाली शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे.
जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं.
समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.