बस यूं समझ लीजिए कि मौजूदा संकटकाल में किसी भी राजनीतिक दल के लिए कुछ भी नया करने के लिए अभी समय ‘इजाजत’ नहीं दे रहा है। कोरोना महामारी की बढ़ती रफ्तार के बीच चाहे मोदी सरकार हो या राज्य सरकारें, ‘चरमराए सिस्टम’ को संभालने में ‘व्यस्त’ हैं । पश्चिम बंगाल में भाजपा की हुई हार को लेकर पार्टी हाईकमान कई नेताओं को ‘किनारे’ लगाने के लिए तैयार है, लेकिन अभी माहौल नहीं है ।
ऐसे ही उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की पंचायत चुनाव में पिछड़ने पर यूपी में कई मंत्रियों पर ‘गाज’ गिरना तय है । लेकिन अभी भाजपा केंद्रीय नेतृत्व इस पर भी फैसला लेने की स्थिति में नहीं है । सबसे अधिक ‘बुरा हाल कांग्रेस पार्टी’ का है । गांधी परिवार अगर यह सोच रहा है कि उसके असंतुष्ट नेता चुप बैठ जाएंगे तो यह उसकी सबसे बड़ी ‘भूल’ होगी। कांग्रेस के बगावती नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी पांच राज्यों में हुई कांग्रेस की करारी हार को बर्दाश्त करने के ‘मूड में कतई नहीं है’ ।
लेकिन अभी कांग्रेस के असंतुष्ट नेता राहुल और प्रियंका गांधी पर सीधे तौर पर इसलिए अपने आप को काबू में किए हुए हैं कि आगे की रणनीति बनाने के लिए उचित ‘माहौल’ नहीं है । लेकिन फिर भी ‘बंद कमरों में यह सभी नाराज कांग्रेसी नेता आगे की रणनीति बनाने और गांधी परिवार से फाइनल फैसले को लेकर लामबंद हो रहे हैं’ । नाराज कांग्रेसी नेताओं ने अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी पर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं ।
गुरुवार को असंतुष्ट नेताओं में शामिल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक समाचार एजेंसी को दिए गए साक्षात्कार में कांग्रेस और राहुल गांधी को ‘नसीहत’ देनी शुरू कर दी है । सिब्बल ने कहा कि पांच राज्यों में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी को हुआ है। कांग्रेस बंगाल चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई और असम और केरल में हार का सामना करना पड़ा ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा कि तमिलनाडु में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को जीत तो मिली, लेकिन जीत का श्रेय राहुल को नहीं बल्कि स्टालिन को गया। उन्होंने कहा कि ‘बंगाल में कांग्रेस एक भी सीट सुरक्षित नहीं कर सकी, अब जब पार्टी की ओर से आवाज उठाई जा रही है, तो इस पर गौर किया जाना चाहिए, पुडुचेरी भी कांग्रेस के हाथ से निकल गया, ऐसे में पार्टी को अपने अंदर झांकने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि उचित समय पर इस मुद्दे पर बात करेंगे’।
सिब्बल ने कहा कि आज सभी दलों के सभी लोगों को कोरोना वायरस के बीच लोगों के जीवन को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। अपनी ही पार्टी पर दिए गए आक्रामक बयान के बाद सिब्बल इशारा जरूर कर गए कि वे गांधी परिवार से इस बार आर-पार की जंग लड़ने के लिए तैयारी शुरू कर दी है, कोरोना महामारी को देखते हुए फिलहाल उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।