उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपनी पहली परमाणु शक्ति-संचालित पनडुब्बी का अनावरण किया है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। राज्य मीडिया के अनुसार, नेता किम जोंग-उन ने शिपयार्ड का दौरा करते हुए इस पनडुब्बी के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। यह पनडुब्बी लगभग 6,000-7,000 टन वजनी है और इसमें लगभग 10 परमाणु-सक्षम मिसाइलों को ले जाने की क्षमता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पनडुब्बी के निर्माण में रूस से तकनीकी सहायता मिली हो सकती है, विशेष रूप से परमाणु रिएक्टर प्रौद्योगिकी में। यह सहयोग रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जहां उत्तर कोरिया ने रूस को सैनिक सहायता प्रदान की थी।
उत्तर कोरिया की यह नई सैन्य क्षमता दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बढ़ता हुआ सुरक्षा खतरा है, विशेष रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यासों के मद्देनजर। विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम किम जोंग-उन की 2021 में घोषित सैन्य आधुनिकीकरण रणनीति का हिस्सा है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणालियों का विकास शामिल है।