मत करिए अपनी जिंदगी के साथ खिलवाड़। जीवन में बहुत से मौके मिलेंगे । यह खराब दौर है, इसे गुजर जाने दीजिए । जान है तो जहान है । आप की लापरवाही से दूसरों की जान पर भी बन आती है। यह खतरनाक वायरस आपको निवाला बनाने के लिए तैयार बैठा है । अगर इसकी चपेट में कोई आ जाता है तो समझो उसके सपने, उम्मीदें सब कुछ खत्म हो जाती है । जिंदगी दोबारा नहीं मिलेगी, संभल जाओ।
हम बात कर रहे हैं कोरोना महामारी को लेकर । यह कोरोना का नया ‘स्ट्रेन’ पिछले वर्ष से अधिक खतरनाक है । वैज्ञानिक अभी वायरस के नए स्ट्रेन काे समझने की काेशिश कर रहे हैं। खासताैर पर यहां उस स्ट्रेन की पहचान की काेशिश कर रहे हैं, जिसने ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के लिए खतरा पैदा किया ।
विशेषज्ञाें का मानना है कि लापरवाही और सरकार की गलत नीतियाें के कारण भारत जाे संक्रमण के खिलाफ सफल हाेता नजर आ रहा था, वह आज दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित देश बनता जा रहा है। इसका असर न केवल भारत पर, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। बावजूद इसके नेता बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां करते दिख रहे हैं। देशभर में पिछले 24 घंटे में करीब 1 लाख 70 हजार संक्रमित मरीज और बढ़ गए हैं ।
साथ ही हर रोज लगभग 900 से लेकर 1000 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं । सबसे चिंता वाली बात यह है कि संक्रमित मरीजों से देशभर के छोटे-बड़े सरकारी, प्राइवेट सभी अस्पताल फुल हो गए हैं । रिकवरी रेट भी लगातार घट रहा है । महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश के लखनऊ झारखंड के रांची, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात के सूरत आदि राज्यों में लाशों का अंबार लगा हुआ है ।
श्मशान घाट पर परिजन अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए घंटों तक लाइन लगाने को मजबूर हैं । परिजन पीपीई किट पहने अंतिम संस्कार कराने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।रांची में कोरोना के दौर में होने वाली मौताें ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 10 दिनों में रांची के श्मशान और कब्रिस्तान में अचानक शवाें के आने की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है।
रविवार को रिकॉर्ड 60 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इनमें 12 शव काेराेना संक्रमिताें के थे, जिनका दाह संस्कार घाघरा में सामूहिक चिता सजाकर किया गया। इसके अलावा 35 शव पांच श्मशान घाटाें पर जलाए गए और 13 शवाें को कब्रिस्तान में दफन किया गया। सबसे अधिक शवों का दाह संस्कार हरमू मुक्ति धाम में हुआ।