जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन, एक जैसे पैटर्न पर सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं। इन हमलों में भारतीय सेना के 13 जवान शहीद को चुके हैं। हमले के दौरान शहादत देने वाले जवानों के हथियार लूट कर आतंकी भाग निकलते हैं। कुछ दिन बाद उस हमले का कथित वीडियो जारी किया जाता है। हैरानी की बात है कि आतंकियों को मुठभेड़ का वीडियो बनाने का वक्त मिल जाता है।
बता दें कि अगस्त के पहले सप्ताह में कुलगाम के हलान जंगल में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने सेना के टैंट पर फायरिंग की। उसमें सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों ने शहीद हुए जवानों के हथियार लूट लिए थे। पीएएफएफ ने इस हमले का वीडियो जारी किया है। हालांकि सेना द्वारा ऐसे किसी वीडियो की पुष्टि नहीं की गई है। वीडियो के प्रारंभ में आतंकी संगठन पीएएफएफ ने कुछ पंक्तियां भी लिखी हैं।
एक अन्य मामले में खुलासा हुआ था कि आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहा कुपवाड़ा निवासी ओवर ग्राउंड वर्कर मोहम्मद उबैद मलिक, पाकिस्तान स्थित आतंकी कमांडर के संपर्क में रहता था। एनआईए ने उबैद मलिक के मामले में दाखिल चार्जशीट में कहा था कि आरोपी, पाक स्थित कमांडर को गुप्त सूचनाएं भेजता था। किस मार्ग पर सेना या अर्धसैनिक बलों के वाहनों की आवाजाही हो रही है। कितने वाहन हैं, जवान ट्रक या बस में बैठे हैं, जैसे तथ्य नोट करता था। मौका मिलने पर वाहनों की तस्वीर और वीडियो भी बनाए जाते थे।