बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार हुए हीरा कारोबारी नीरव मोदी को प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में बड़ा झटका लगा है. लंदन स्थित कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसे ब्रिटेन के सुप्रीमकोर्ट में अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. ब्रिटेन की अदालतों में सभी कानूनी विकल्प खोने के बाद अब नीरव मोदी को 28 दिनों के भीतर भारत में प्रत्यर्पित किया जा सकता है.
यह फैसला 51 वर्षीय हीरा व्यापारी की अपील दायर करने की दाखिल अर्जी पर भारत सरकार की ओर से ब्रिटेन की ‘क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) द्वारा जवाब दायर करने के करीब एक सप्ताह बाद आया.सुप्रीमकोर्ट का नवीनतम आदेश नीरव मोदी को नवीनतम अर्जी के संबंध में 150,247.00 पाउंड की विधिक लागत का भुगतान करने का भी निर्देश दिया.
पिछले महीने, 51 वर्षीय हीरा कारोबारी की मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर दायर की गई अपील खारिज कर दी गई थी. अदालत ने मनोरोग विशेषज्ञों के बयान के आधार पर कहा था कि उसे ऐसा नहीं लगता कि नीरव की मानसिक स्थिति अस्थिर है और उसके खुदकुशी करने का जोखिम इतना ज्यादा है कि उसे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के दो अरब डालर ऋण घोटाला मामले में आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण और दमनकारी कदम साबित होगा. नीरव मोदी मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है. ब्रिटेन के गृह विभाग के सूत्रों ने संकेत दिया है कि यह अभी भी पता नहीं है कि प्रत्यर्पण कब हो सकता है.