कोरोनारोधी टीके को लेकर अगले साल खुशखबरी मिलेगी। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने बुधवार को बैठक की। इसमें कोवीशील्ड को लेकर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई), कोवैक्सीन पर भारत बायोटेक ने और फाइजर ने अपनी वैक्सीन पर प्रेजेंटेशन दिए।
इसमें टीके के आपातकालीन चिकित्सकीय इस्तेमाल पर कोई फैसला नहीं हो सका। कमेटी की अगली बैठक एक जनवरी को होगी। उसमें कोई बड़ा फैसला होने की उम्मीद की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में फाइजर की ओर से डेटा पेश करने के लिए और वक्त मांगा गया। इसी तरह सीरम और भारत बायोटेक ने अपनी-अपनी वैक्सीन को लेकर जो डेटा पेश किया था, उसका एनालिसिस किया गया। एक जनवरी को होने वाली अगली बैठक में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी जब वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर दावों से संतुष्ट होगी, तब वह आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए सिफारिश करेगी। अंतिम फैसला अपेक्स कमेटी का होगा, जिसमें अलग-अलग मंत्रालयों के सचिव होते हैं।
, टीका बनाने वाली प्रमुख कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा कि ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके को मंजूरी मिलना एक अच्छी खबर है। अब कंपनी को भारत में अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है। ब्रिटेन ने बुधवार को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित कोविड-19 टीके को इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी।
इसका उत्पादन एस्ट्राजेनका कर रही है। ब्रिटेन में फाइजर/बायोटेक के टीके बाद यह दूसरा कोविड-19 टीका है, जिसे इलाज में उपयोग की अनुमति मिली है। एसआईआई के मुख्य कार्याधिकारी अदार पूनावाला ने एक बयान में कहा, यह उत्साह बढ़ाने वाली खबर है। अब उसे भारतीय नियामकों से भी अंतिम अनुमति मिलने का इंतजार है।