भारतीय सेना ने लद्दाख के दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहली बार 4G और 5G मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई है। इस पहल से सियाचिन ग्लेशियर, दौलत बेग ओल्डी (DBO), गलवान, डेमचोक, चुमार, बटालिक और द्रास जैसे इलाकों में तैनात सैनिकों को अब तेज़ और विश्वसनीय संचार सुविधा मिल रही है ।
सेना के अनुसार, यह कदम सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, विशेषकर उन पोस्टों पर जहां तापमान -40 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है और ऊंचाई 18,000 फीट से अधिक होती है । अब सैनिक अपने परिवारों से वीडियो कॉल और इंटरनेट के माध्यम से सीधे संपर्क में रह सकते हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
इस परियोजना को सफल बनाने में भारतीय सेना ने रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर काम किया है। रिलायंस जियो ने सियाचिन जैसे कठिन इलाकों में प्लग-एंड-प्ले उपकरणों की मदद से 5G नेटवर्क स्थापित किया है । वहीं, एयरटेल ने पिछले पांच महीनों में कारगिल, डेमचोक, गलवान और सियाचिन में 42 मोबाइल टावर स्थापित किए हैं ।
यह पहल न केवल सैनिकों के लिए बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि अब वे भी डिजिटल सेवाओं, ऑनलाइन शिक्षा और टेलीमेडिसिन जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। भारतीय सेना की यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।