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नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने की PM मोदी की जमकर तारीफ कहा- मोदी चलकर घर तक आए

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Uttarakhand News

नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने रविवार को इमरान खान की सरकार पर हमला बोलने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहारा लिया. मरियम नवाज लाहौर में पीएमएल-एन यानी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के युवा सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं.

नवाज शरीफ अभी लंदन में रह रहे हैं और मरियम नवाज पीएमएल-एन का नेतृत्व खुद ही कर रही हैं. इस सम्मेलन के संबोधन में मरियम ने कहा, ”नवाज शरीफ का विजन देखो चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर. नवाज शरीफ का विजन देखो, वाजपेयी और मोदी का घर चलकर आना.”

अपनी पार्टी के युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए मरियम ने कहा, ”नवाज शरीफ की हिम्मत देखो, इमरान खान पनामा लाए लेकिन मेरे पिता झुके नहीं. नवाज शरीफ डटा रहा. पनामा लाने के बाद इस्तीफा देने को कहा. नवाज शरीफ ने ना इस्तीफा दिया और न ही घर गए.

नवाज शरीफ ने अवाम का परचम बुलंद रखा. जब कुछ नहीं चला तो झूठे मुकदमे में फंसाया. ये होता है अवाम की इज्जत को तवज्जो देने वाला प्रधानमंत्री. ये होता है तारीख की धारा मोड़ने वाला प्रधानमंत्री.”

अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में पाकिस्तान बस से गए थे. तब नवाज शरीफ ही प्रधानमंत्री थे. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अचानक से पाकिस्तान चले गए थे. पीएम मोदी तब अफगानिस्तान गए थे और वहीं से लौटते वक्त इस्लामाबाद उतर गए थे. उस दिन नवाज शरीफ का जन्मदिन था.

तब हर कोई हैरान रह गया था. पीएम मोदी नवाज शरीफ के घर गए थे और उनकी मां के लिए साड़ी भी ले गए थे. हालांकि, इस दौरे से दोनों देशों के संबंधों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. बाद में आतंकवादी हमले हुए तो विपक्ष ने पीएम मोदी को निशाने पर लिया और पाकिस्तान दौरे की आलोचना की.

दरअसल, भारत का स्टैंड रहा था कि आतंकवाद और संवाद एक साथ नहीं चल सकता. ये बात भी अटल बिहारी वाजपेयी ने ही की थी.
वाजपेयी के दौरे के बाद पाकिस्तान ने करगिल पर हमला कर दिया था. तब जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे और उन्होंने करगिल पर हमले में अहम भूमिका अदा की थी. इधर प्रधानमंत्री वाजपेयी और नवाज शरीफ में वार्ता चल रही थी और दूसरी तरफ पाकिस्तान करगिल में घुसपैठ कर अहम ठिकानों पर कब्जा कर रहा था.

वाजपेयी की दौरे की भी भारत में विपक्षी पार्टियों ने खूब आलोचना की थी. विपक्ष का कहना था कि सरकार का खुफिया तंत्र ध्वस्त हो गया क्योंकि प्रधानमंत्री वार्ता करने पाकिस्तान जा रहे थे जबकि पाकिस्तान हमले में लगा हुआ था. विपक्ष ने कहा कि वाजपेयी सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी.

मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे लेकिन उन्होंने पाकिस्तान का कोई भी दौरा नहीं किया. कांग्रेस इस बात को अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनाती है. मनमोहन सिंह का जन्म अविभाजित भारत में हुआ था और वो हिस्सा अब पाकिस्तान में है.

रविवार को मरियम, अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को नवाज शरीफ के विजन की सफलता को तौर पर पेश कर रही थीं. पाकिस्तान ने भारत के इन दौरे को लेकर भरोसा तोड़ा और दोनों देशों के बीच बातचीत को लेकर कोई ठोस नतीजे की उम्मीद जाती रही.

अब पाकिस्तान की तरफ से बातचीत का कोई प्रस्ताव भी आता है तो भारत अतीत के अनुभवों को देखते हुए बहुत उत्साह नहीं दिखाता है.

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