एक ऐसे संन्यासी जिनके विचारों और आदर्शों को भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में प्रेरणा स्रोत माना जाता है. इन्होंने अपने ज्ञान के बल पर विश्व में अमिट छाप छोड़ी. हम बात कर रहे हैं स्वामी विवेकानंद की. आज 12 जनवरी है. इस दिन विश्व प्रसिद्ध महान दार्शनिक और विचारक स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है. आज के दिन देश में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ भी मनाया जाता है. इस मौके पर युवा वर्ग अपने प्रेरणा स्रोत विवेकानंद को याद करते हुए उनके विचारों को आत्मसात करते हैं.
साल 1893 को अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद का भाषण अभी भी लोग भूल नहीं पाए हैं. विवेकानंद को धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य का ज्ञान था. उनके जन्मदिन पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मुख्य लक्ष्य युवाओं के बीच स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों के महत्व का प्रसार करना है. इनका असली नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वे वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे. 25 साल की उम्र में विवेकानंद ने सांसारिक मोह माया त्याग दी थी और संन्यासी बन गए.
1881 में विवेकानंद की मुलाकात रामकृष्ण परमहंस से हुई. जिसके बाद वे पूरे विश्व में दार्शनिक और विचारक के तौर पर लोगों को प्रेरित करने लगे. स्वामी विवेकानंद एक महान समाज सुधारक, दार्शनिक और विचारक थे. वह देश भर के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा थे. उनकी शिक्षा एवं आदर्शों को भारतीय युवाओं के लिए रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाता है. आज जयंती पर देश के युवा अपने आदर्श स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी विवेकानंद को प्रेरणा मानकर लाखों लोग अपने विचार प्रकट कर रहे हैं.
–शंभू नाथ गौतम