प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत लगभग ₹752 करोड़ की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की है। इन संपत्तियों में दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई, लखनऊ और अन्य स्थानों की जमीनें और इमारतें शामिल हैं।
यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय ने असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन (YI) के खिलाफ आरोप लगाए हैं कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से प्राप्त ₹90.21 करोड़ के ऋण को ₹50 लाख में खरीदकर संपत्तियों का अधिग्रहण किया।
PMLA के न्यायाधिकरण ने ED की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि जब्त की गई संपत्तियाँ अपराध की आय हैं और मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है, जबकि ED का कहना है कि यह जांच कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही है।
यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर AJL की संपत्तियों के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।